शनिवार, 29 अक्तूबर 2011

आँखों की भाषा

आँखों की भाषा

नहीं होता विश्वास 
तुम्हारी बातों पर 

होता भी कैसे 

जो तुम कहती हो 
उससे तुम्हारी आँखें 
सहमत नजर नहीं आतीं

मैं जानता हुँ 
आंखें कभी झूठ नहीं बोलती 
बोल भी नहीं सकती हैं
उन्हें सच पढ़ने की आदत है 
कहाँ छिप पाता है 
दिलों का भेद 
राडार सी संवेदी आँखों से

तुम्हारी गुरु-गम्भीर आँखों से 
मूक संवाद करने के बाद 
सोचता हूँ 
जब दुनिया की सारी भाषायें 
समाप्त हो जाएंगी 
तब भी आँखों की भाषा में  
जारी रहेगा दुनिया का संवाद

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