बाजार की भाषा
मैंने गौर किया
बाजार मुझे और मेरी भाषा को
बड़े ध्यान से पढ़ रहा है
बाजार के आँगन में
पटना और त्रिवेन्द्रम
एक ही भाषा बोलते हैं
एक दिन बंगलोर के बाजार में
केले की ओर इशारा करने पर
बाजार ने दो का सिक्का उछाल दिया था
और मैं चौक गया था
बाजार के भाषा-ज्ञान पर
बाजार आपकी भाषा को समझेगा
बशर्ते आपको मुद्रा की भाषा आती हो
बाजार उदार-दिला है
सबका दाम सलिके से लगाता है
बाजार
सब कुछ सुनते हुए भी कुछ नहीं सुनता
बाजारू मुहाबरे में
यह नैतिकता का नया दर्शन है
मनुष्यता के रोदन पर
यह मंद-मंद मुस्कुराता है
इसकी मुस्कुराहट बड़ी अर्थमय है
आप फड़फड़ाएं तो भी न बोल पाएं
आप खुश हो जाएं तो भी न बोल पाएं
मैंने गौर किया
बाजार मुझे और मेरी भाषा को
बड़े ध्यान से पढ़ रहा है
बाजार के आँगन में
पटना और त्रिवेन्द्रम
एक ही भाषा बोलते हैं
एक दिन बंगलोर के बाजार में
केले की ओर इशारा करने पर
बाजार ने दो का सिक्का उछाल दिया था
और मैं चौक गया था
बाजार के भाषा-ज्ञान पर
बाजार आपकी भाषा को समझेगा
बशर्ते आपको मुद्रा की भाषा आती हो
बाजार उदार-दिला है
सबका दाम सलिके से लगाता है
बाजार
सब कुछ सुनते हुए भी कुछ नहीं सुनता
बाजारू मुहाबरे में
यह नैतिकता का नया दर्शन है
मनुष्यता के रोदन पर
यह मंद-मंद मुस्कुराता है
इसकी मुस्कुराहट बड़ी अर्थमय है
आप फड़फड़ाएं तो भी न बोल पाएं
आप खुश हो जाएं तो भी न बोल पाएं